दिनांक: 14 जून 2025
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले के पूरनपुर कोतवाली क्षेत्र से एक दुखद खबर सामने आई है, जहां गांव मोहनपुर जप्ती में एक परिवार के 10 सदस्यों की खीर खाने के बाद हालत बिगड़ गई। इनमें दो मासूम बच्चे भी शामिल हैं। सभी को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन दो लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है। इस घटना ने गांव में हड़कंप मचा दिया है, और प्रशासन मामले की जांच में जुट गया है।
घटना का विवरण
घटना शुक्रवार, 13 जून 2025 की शाम लगभग सात बजे की है, जब मोहनपुर जप्ती गांव के सुमेरमल लाल के घर में खीर तैयार की गई थी। परिवार के सभी सदस्यों ने खीर खाई, जिसके बाद अचानक उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। प्रभावित लोगों में शांति देवी (पत्नी सुमेरलाल), रामनिवास (पुत्र सुमेरलाल), ओमकार (पुत्र सुमेरलाल), मिथिलेश (पत्नी ओमकार), गौरव (पुत्र ओमकार), पूजा (पुत्री ओमकार), क्रांति देवी (पत्नी रामकृपाल), संतोषी (पत्नी रामनिवास), आहान (पुत्र रामनिवास, 3 वर्ष), और श्रद्धा (पुत्री रामनिवास, 6 वर्ष) शामिल हैं।
खीर खाने के कुछ ही देर बाद सभी को उल्टी, चक्कर, और पेट दर्द की शिकायत होने लगी। आनन-फानन में ग्राम प्रधान शिवपाल यादव और अन्य ग्रामीण मौके पर पहुंचे और सभी प्रभावितों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया। प्रारंभिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने सभी को जिला अस्पताल रेफर कर दिया। अस्पताल सूत्रों के अनुसार, दो लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है।
प्रशासन और नेताओं की प्रतिक्रिया
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय विधायक बाबूराम पासवान तुरंत अस्पताल पहुंचे और मरीजों का हाल जाना। उन्होंने डॉक्टरों से उचित इलाज सुनिश्चित करने और परिवार को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया। ग्राम प्रधान शिवपाल यादव ने भी ग्रामीणों के साथ मिलकर पीड़ित परिवार की मदद की।
पूरनपुर कोतवाली पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि खीर में ऐसा क्या था, जिससे इतने लोगों की तबीयत बिगड़ी। प्रारंभिक जांच में फूड पॉइजनिंग की आशंका जताई जा रही है, लेकिन खीर के सैंपल की फॉरेंसिक जांच के बाद ही सटीक कारण स्पष्ट होगा।
परिजनों और गांव में मातम
इस घटना ने सुमेरमल लाल के परिवार और पूरे मोहनपुर जप्ती गांव को शोक में डुबो दिया है। खासकर तीन वर्षीय आहान और छह वर्षीय श्रद्धा की गंभीर हालत ने सभी को चिंतित कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि यह पहली बार है जब गांव में इस तरह की घटना हुई है। परिवार के सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है, और वे बच्चों के ठीक होने की प्रार्थना कर रहे हैं।
सामाजिक और स्वास्थ्य सवाल
यह घटना ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी को उजागर करती है। फूड पॉइजनिंग की घटनाएं अक्सर दूषित भोजन या अनहाइजीनिक तरीके से खाना बनाने के कारण होती हैं। क्या इस घटना के बाद प्रशासन खाद्य सुरक्षा पर जागरूकता अभियान चलाएगा? और क्या ग्रामीण अस्पतालों में आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध हैं? ये सवाल इस त्रासदी के बाद और प्रासंगिक हो गए हैं।
आगे क्या?
जिला अस्पताल में सभी प्रभावितों का इलाज जारी है, और डॉक्टर उनकी हालत पर नजर रखे हुए हैं। पुलिस ने खीर के अवशेषों को जब्त कर जांच के लिए भेजा है। प्रशासन ने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिया है। स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए खाद्य सामग्री की गुणवत्ता पर सख्त निगरानी हो।
STV इंडिया न्यूज इस मामले पर नजर रखे हुए है और आपको हर अपडेट से अवगत कराता रहेगा। हम प्रभावित परिवार के साथ हैं और सभी के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।










