कासगंज से इस वक्त की सबसे बड़ी खबर—चार माह की गर्भवती महिला की डॉक्टरों की लापरवाही के चलते मौत!
अवैध अस्पतालों के खुलकर संचालन और स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत ने एक और जिंदगी छीन ली है।
कासगंज के थाना सिकंदरपुर वैश्य क्षेत्र के बहरोजपुर छितैरा निवासी 35 वर्षीय अनीता देवी की तबीयत बिगड़ने पर परिजन उन्हें राधा रानी हेल्थ केयर सेंटर लेकर गए। आरोप है कि उपचार में भारी लापरवाही की गई, जिससे महिला को तेज रक्तस्त्राव होने लगा और अल्ट्रासाउंड कराने ले जाते समय उसकी मौत हो गई।
परिजनों का गुस्सा सड़क पर फूटा
मौत की खबर लगते ही परिवार और ग्रामीणों ने गुस्से में गंजडुंडवारा-बदायूं हाईवे पर शव रखकर जाम लगा दिया।
करीब एक घंटे तक सड़क पर अफरा-तफरी और दोनों ओर वाहनों की लंबी लाइनें लग गईं।
सूचना पर पहुंचे:
सीओ संदीप वर्मा
एसडीएम पटियाली प्रदीप विमल
थाना प्रभारी चंचल सिरोही
नायब तहसीलदार मुकेश कुमार
अधिकारियों ने कार्रवाई का आश्वासन देकर जाम खुलवाया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
अस्पताल निकला अवैध, ऑन–स्पॉट सील
स्वास्थ्य विभाग की जांच में पता चला कि राधा रानी हेल्थ केयर सेंटर अवैध रूप से चल रहा था और बिना पंजीकरण के गर्भपात व प्रसव संबंधी उपचार किए जा रहे थे।
नोडल प्रभारी डॉ. उत्कर्ष यादव की टीम ने अस्पताल सील कर दिया।
लेकिन बड़ा सवाल यह है कि—
जिले में 250 से अधिक अस्पताल हैं, जिनमें सिर्फ 55 ही रजिस्टर्ड हैं…
फिर भी अवैध अस्पतालों पर कार्रवाई सिर्फ बड़ी घटना के बाद ही क्यों?
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STV News — सबसे पहले, सबसे सटीक।










