🔴 चोरी की वारदात जिसने सभी को चौंका दिया
अमरोहा जनपद के गजरौला थाना क्षेत्र में स्थित जुबिलेन्ट इनग्रविया लिमिटेड फैक्ट्री में हुई चोरी की वारदात ने इलाके में हड़कंप मचा दिया। 20 मई को फैक्ट्री से 21 महंगी मोटरों की चोरी की गई, जिसकी रिपोर्ट फैक्ट्री प्रबंधन ने पुलिस को दी।
🔎 पुलिस की जांच और चौंकाने वाला खुलासा
गजरौला पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल जांच शुरू की। इस दौरान जो सच सामने आया, वो चौंकाने वाला था। चोरी की इस वारदात में कोई बाहरी नहीं बल्कि फैक्ट्री का ही मुख्य सुरक्षा गार्ड और कुछ कर्मचारी शामिल निकले।
सूत्रों से मिली सूचना के आधार पर पुलिस ने बसैली शाहपुर रोड पर घेराबंदी कर 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। ये सभी फैक्ट्री के ही अंदरूनी लोग थे, जिन्होंने सुनियोजित तरीके से वारदात को अंजाम दिया था।
🚓 क्या-क्या बरामद हुआ?
गिरफ्तार आरोपियों के पास से पुलिस ने जो सामान बरामद किया, वो इस संगठित अपराध की गंभीरता को दर्शाता है:
- ✅ तीन महंगी चोरी की गई मोटरें
- ✅ एक स्वराज ट्रैक्टर ट्रॉली सहित
- ✅ एक प्लाटिना बाइक
- ✅ ₹1,46,500 नगद रकम
🗣️ मास्टरमाइंड कौन?
मुख्य सुरक्षा गार्ड ने पूछताछ में कुबूल किया कि उसने फैक्ट्री के अन्य कर्मचारियों और कबाड़ियों के साथ मिलकर एक संगठित गिरोह बनाया था। यह गिरोह फैक्ट्री से मोटरें चुराकर ट्रैक्टर के जरिए फैक्ट्री गेट पार करता था। फिर इन मोटरों को मेरठ में कबाड़ियों को बेच दिया जाता था।
📢 पुलिस का बयान
सीओ धनौरा स्वेताभ भास्कर ने बताया:
“जांच में सामने आया कि चोरी में फैक्ट्री के ही कर्मचारी शामिल थे। हमने 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया है। अब फरार साथियों की तलाश जारी है।”
⚠️ फैक्ट्री की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
इस घटना ने न केवल सुरक्षा गार्ड पर भरोसे को तोड़ा है, बल्कि फैक्ट्री प्रबंधन की सुरक्षा प्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। कैसे इतनी बड़ी चोरी को अंजाम दिया गया और फैक्ट्री को भनक तक नहीं लगी – यह जांच का विषय है।
📌 निष्कर्ष
अमरोहा की यह वारदात दर्शाती है कि जब भीतर के लोग ही विश्वासघात करने लगें, तो कोई भी सिस्टम सुरक्षित नहीं रह जाता। पुलिस की तत्परता से भले ही अपराधियों को पकड़ लिया गया हो, लेकिन यह घटना भविष्य के लिए एक बड़ा सबक है।
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