STV India News : बुलंदशहर में सनसनीखेज खुलासा – निर्माणाधीन मां संतोषी अस्पताल में एक्सपायर दवाओं से इलाज, फार्मेसी सील

दिनांक: 9 जून 2025

बुलंदशहर जिले के डिबाई क्षेत्र से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जहां निर्माणाधीन मां संतोषी अस्पताल में एक्सपायर दवाओं और प्रतिबंधित नारकोटिक्स दवाओं से मरीजों का इलाज किए जाने का गोरखधंधा उजागर हुआ है। मरीज की शिकायत पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापा मारा, तो कई गंभीर अनियमितताएं सामने आईं। इस दौरान अस्पताल स्टाफ द्वारा अधिकारियों के साथ अभद्रता का मामला भी प्रकाश में आया। आखिरकार, फार्मेसी को सील कर दिया गया, लेकिन यह घटना स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली और मानव जीवन से खिलवाड़ पर सवाल उठाती है।

घटना का विवरण

बुलंदशहर के डिबाई क्षेत्र में स्थित निर्माणाधीन मां संतोषी अस्पताल में मरीजों के साथ खतरनाक खिलवाड़ का खुलासा तब हुआ, जब एक मरीज ने एक्सपायर दवाओं से इलाज की शिकायत की। इस शिकायत के आधार पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) के प्रभारी और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल में बनी फार्मेसी पर छापा मारा। जांच के दौरान न केवल एक्सपायर दवाएं बरामद हुईं, बल्कि प्रतिबंधित नारकोटिक्स दवाएं भी एक्सपायर अवस्था में पाई गईं। यह खुलासा मरीजों की जान से खिलवाड़ का गंभीर मामला सामने लाता है।

स्वास्थ्य विभाग से अभद्रता

छापेमारी के दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम को अस्पताल स्टाफ की अभद्रता का सामना करना पड़ा। अधिकारियों ने बताया कि स्टाफ ने जांच में सहयोग करने की बजाय उल्टा अभद्र व्यवहार किया और सवालों का जवाब देने से कतराते रहे। इस व्यवहार ने स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी को उजागर किया। इसके बावजूद, टीम ने अपनी जांच पूरी की और गंभीर अनियमितताओं को देखते हुए अस्पताल की फार्मेसी को तत्काल सील कर दिया।

जांच में चौंकाने वाले खुलासे

छापे के दौरान स्वास्थ्य विभाग को नॉर्मल दवाओं के साथ-साथ एक्सपायर प्रतिबंधित नारकोटिक्स दवाएं भी मिलीं, जो न केवल गैरकानूनी है, बल्कि मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो सकती हैं। निर्माणाधीन अस्पताल में इस तरह का गोरखधंधा चलना जिले के स्वास्थ्य तंत्र पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जिले में कई नर्सिंग होम और प्राइवेट अस्पताल अपने परिसर में मेडिकल स्टोर चलाकर एक्सपायर दवाओं और इंजेक्शनों से मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं।

पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई

स्वास्थ्य विभाग ने फार्मेसी को सील करने के साथ-साथ मामले की पूरी रिपोर्ट जिला प्रशासन और पुलिस को सौंप दी है। पुलिस अब इस मामले की जांच में जुट गई है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। सवाल यह है कि क्या एक्सपायर दवाएं और इंजेक्शन बेचने वालों पर प्रभावी कार्रवाई हो पाएगी? और क्या इस तरह के गैरकानूनी काम को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे?

सामाजिक और स्वास्थ्य चिंताएं

यह घटना बुलंदशहर ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को दर्शाती है। एक्सपायर और प्रतिबंधित दवाओं का इस्तेमाल मरीजों के जीवन को खतरे में डालता है। स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि जिले के सभी नर्सिंग होम और अस्पतालों की गहन जांच हो और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए। यह मामला स्वास्थ्य विभाग की निगरानी और जवाबदेही पर भी सवाल उठाता है।

आगे क्या?

मां संतोषी अस्पताल का यह मामला स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार और सख्त निगरानी की जरूरत को रेखांकित करता है। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग से अपेक्षा है कि वे इस गोरखधंधे के पीछे के असली दोषियों को पकड़ें और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाएं। STV इंडिया न्यूज इस मामले पर नजर रखे हुए है और आपको हर अपडेट से अवगत कराता रहेगा।

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