बुलंदशहर, 6 अक्टूबर 2025 (STV News):
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने अपने गौरवशाली 100 वर्ष के अविराम सफर को पूर्ण करते हुए शताब्दी वर्ष का उत्सव पूरे देश में धूमधाम से मनाया।
इसी क्रम में बुलंदशहर जिले के कृष्णा नगर पुलिस लाइन बस्ती में सोमवार को एक भव्य और अनुशासित संयुक्त पथ संचलन का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों स्वयंसेवकों ने भाग लेकर संगठन की एकजुटता और राष्ट्रभक्ति की झलक पेश की।
संघ के 100 वर्ष — अनुशासन और राष्ट्रसेवा का प्रतीक
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना 1925 में विजयादशमी के दिन डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने की थी।
तब से लेकर आज तक, संघ ने समाज के हर वर्ग में अनुशासन, एकता और राष्ट्रसेवा की भावना को जाग्रत करने का कार्य किया है।
शताब्दी वर्ष के इस ऐतिहासिक अवसर पर देशभर में हजारों पथ संचलन आयोजित किए जा रहे हैं, जिनका उद्देश्य राष्ट्र निर्माण और सामाजिक समरसता के संकल्प को दोहराना है।
कृष्णा नगर में अनुशासन की मिसाल
बुलंदशहर के कृष्णा नगर पुलिस लाइन बस्ती में आयोजित इस पथ संचलन में स्वयंसेवकों ने पारंपरिक गणवेश में सुसंगठित पंक्तियों में कदमताल करते हुए अनुशासन की ऐसी मिसाल पेश की जिसने स्थानीय नागरिकों का दिल जीत लिया।
रास्ते भर नागरिकों ने स्वयंसेवकों का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया और “भारत माता की जय” के नारों से वातावरण गूंज उठा।
योग गुरु नरेंद्र बंसल और डॉ. अजय गोयल की प्रेरणादायक उपस्थिति
इस पथ संचलन में योग गुरु नरेंद्र बंसल को सहभागिता करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा —
“यह आयोजन संघ के 100 वर्षों के अथक परिश्रम, सेवा और राष्ट्र निर्माण के संकल्प को और मजबूत करता है। संघ की कार्यप्रणाली अनुशासन और राष्ट्रभक्ति की सजीव मिसाल है।”
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. अजय गोयल ने अपने उद्बोधन में संघ की उपलब्धियों और समाजहित में किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि “संघ के कार्यकर्ता हर परिस्थिति में राष्ट्रहित को सर्वोपरि मानते हैं, यही संघ की असली पहचान है।”
नेतृत्व और सहयोग से सजा आयोजन
इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. प्रदीप मालिक ने की।
नरेंद्र बंसल के पुत्र राहुल बंसल ने स्वयंसेवकों पर पुष्प वर्षा की और कार्यक्रम की व्यवस्थाओं में सहयोग प्रदान किया।
उनकी इस भागीदारी ने दर्शाया कि संघ की विचारधारा कैसे पीढ़ी-दर-पीढ़ी समाज में प्रसारित हो रही है।
गणमान्य स्वयंसेवकों की मौजूदगी
इस अवसर पर कई प्रमुख और सम्मानित स्वयंसेवक उपस्थित रहे, जिनमें
राहुल उपाध्याय, राजीव लोधी, आर.सी. गोयल, राजेश गुप्ता, धर्मेंद्र गोयल, गोपीचंद लोधी, हिमांशु मित्तल, डॉ. राजेश गर्ग, पवन लोधी, नवीन पाठक, गोपाल गोयल, विपिन शर्मा, अशोक शर्मा, शुभम भाटी, अभिनव शर्मा, विनय सिरोही, दुष्यंत सिरोही, राजेश खटीक, नितिन त्यागी आदि शामिल रहे।
सभी ने अपने-अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए कार्यक्रम को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई।
राष्ट्रभक्ति से गूंजा बुलंदशहर
पथ संचलन के दौरान हर मोड़ पर नागरिकों का उत्साह देखने लायक था।
बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक ने इस आयोजन को राष्ट्रप्रेम का पर्व बताया।
पूरे क्षेत्र में भारत माता के जयघोष से वातावरण में गौरव और एकता की भावना व्याप्त रही।
संघ का संदेश — एक राष्ट्र, एक समाज
यह आयोजन न केवल RSS के शताब्दी वर्ष का हिस्सा था, बल्कि समाज को यह संदेश भी देता है कि जब नागरिक अनुशासन और राष्ट्रप्रेम से जुड़ते हैं, तभी सशक्त भारत का निर्माण संभव है।
बुलंदशहर का यह कार्यक्रम संघ की जमीनी सक्रियता और समाज में उसकी गहरी पैठ को दर्शाता है।
स्वयंसेवकों ने संकल्प लिया कि वे संघ के आदर्शों पर चलते हुए समाज सेवा के कार्यों को और आगे बढ़ाएंगे।
STV News राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के इस शताब्दी वर्ष उत्सव की सराहना करता है और आगामी आयोजनों की सफलता के लिए शुभकामनाएं देता है।
यह पथ संचलन बुलंदशहर के इतिहास में एक प्रेरणादायक अध्याय के रूप में याद रखा जाएगा।










