बुलंदशहर में RSS का शताब्दी वर्ष मनाया गया भव्य पथ संचलन — प्रीत विहार बस्ती में उमड़ा जनसैलाब, पुष्प वर्षा से गूंजा शहर

बुलंदशहर, 6 अक्टूबर 2025 (STV News):
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के शताब्दी वर्ष और विजयादशमी के पावन अवसर पर बुलंदशहर के प्रीत विहार बस्ती में सोमवार की शाम एक ऐतिहासिक और भव्य पथ संचलन का आयोजन किया गया।
संघ के गणवेश में सजे स्वयंसेवकों ने अनुशासन, एकता और राष्ट्रभक्ति का ऐसा प्रदर्शन किया कि पूरा शहर गर्व से झूम उठा।

संचलन मार्ग और भव्य स्वागत

पथ संचलन शाम 5 बजे प्रीत विहार पार्क से प्रारंभ हुआ और लक्ष्मी नगर, टीचर्स कॉलोनी, लल्ला बाबू चौराहा, काला आम चौराहा से होते हुए अपने निर्धारित स्थान पर संपन्न हुआ।
इस दौरान 200 से अधिक स्वयंसेवकों ने एकसमान चाल में कदमताल करते हुए “भारत माता की जय” और “वंदे मातरम” के नारों से वातावरण को देशभक्ति से सराबोर कर दिया।

रास्ते भर स्थानीय नागरिकों ने पुष्प वर्षा कर स्वयंसेवकों का स्वागत किया। महिलाएं बालकनी और घरों की छतों से फूल बरसाती नजर आईं, जबकि छोटे बच्चे तिरंगा झंडा लेकर उत्साहपूर्वक संचलन के साथ दौड़ते देखे गए।

तीन पीढ़ियों की देशभक्ति — मिसाल बनी प्रीत विहार बस्ती

इस आयोजन की सबसे प्रेरणादायक झलक रही मुकेश अग्रवाल (मोड़ फैशन) और डॉ. नरेंद्र राघव का अपने तीन पीढ़ियों के साथ संचलन में शामिल होना।
यह दृश्य दर्शाता है कि संघ की विचारधारा और अनुशासन केवल एक पीढ़ी तक सीमित नहीं, बल्कि यह पारिवारिक संस्कार के रूप में आगे बढ़ रही है।
उनकी उपस्थिति ने यह संदेश दिया कि देशसेवा और राष्ट्रभक्ति की भावना तब ही स्थायी बन सकती है जब परिवार इसका हिस्सा बने।

महेंद्र जी का प्रेरक उद्बोधन

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता महेंद्र जी ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा —

“संघ केवल संगठन नहीं, बल्कि यह राष्ट्र निर्माण की सतत प्रक्रिया है। स्वयंसेवक जब समाज में सेवा, अनुशासन और एकता के साथ कार्य करता है, तब वही असली राष्ट्रसेवा होती है।”

उन्होंने आगे कहा कि RSS का उद्देश्य राजनीति नहीं, बल्कि समाज को मजबूत बनाना है। महेंद्र जी ने युवाओं से आह्वान किया कि वे सोशल मीडिया की सीमाओं से निकलकर गांव, मोहल्लों और बस्तियों में जाकर सकारात्मक परिवर्तन के लिए काम करें।

अध्यक्षता और प्रमुख पदाधिकारियों की उपस्थिति

कार्यक्रम की अध्यक्षता मुकेश अग्रवाल ने की। आयोजन की रूपरेखा संयोजक अग्नेश और नगर कार्यवाह मोहित ने तैयार की थी।
इस अवसर पर सह संयोजक हर्ष, बस्ती प्रमुख लोकेंद्र, सह बस्ती प्रमुख इंद्रमोहन, वीरेंद्र गिरी, प्रमोद मांगलिक, दिनेश अग्रवाल, कर्णजीत, नितिन, जॉनी और महेंद्र सहित संघ के कई प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित रहे।
सभी ने मिलकर संचलन को अनुशासनपूर्वक संपन्न कराने में अहम भूमिका निभाई।

RSS की 100 वर्षों की गौरवगाथा

RSS की स्थापना 1925 में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा विजयादशमी के दिन नागपुर में की गई थी।
आज, 100 वर्षों बाद, संघ देशभर में अपनी जड़ों को और मजबूत करते हुए समाज के हर वर्ग तक पहुंच बना चुका है।
शताब्दी वर्ष के इस अवसर पर पूरे भारत में हजारों पथ संचलन आयोजित किए जा रहे हैं, जिनका उद्देश्य है — राष्ट्र निर्माण, सामाजिक समरसता और अनुशासन का प्रसार।

बुलंदशहर में आयोजित यह पथ संचलन इस बात का जीवंत उदाहरण रहा कि संघ की विचारधारा केवल पुस्तकों या भाषणों तक सीमित नहीं, बल्कि यह लोगों के जीवन और संस्कारों में गहराई से समाहित है।

नागरिकों में उत्साह और गर्व का माहौल

पूरे आयोजन के दौरान नागरिकों में अद्भुत उत्साह देखने को मिला। हर उम्र के लोगों ने अपने-अपने तरीके से कार्यक्रम में योगदान दिया।
कई परिवारों ने संचलन मार्ग पर पेयजल और ताजगी केंद्र भी लगाए, जिससे स्वयंसेवकों का मनोबल और बढ़ा।
स्थानीय लोगों ने कहा कि यह पथ संचलन उनके लिए “विजयादशमी का सबसे प्रेरक क्षण” था।

समापन और संदेश

पथ संचलन के समापन पर “भारत माता की जय” के नारे से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। सभी स्वयंसेवक अनुशासनपूर्वक अपने स्थानों पर लौटे और “एक राष्ट्र, एक समाज” की भावना को मजबूत करने का संकल्प लिया।

STV News संघ के इस राष्ट्रहितकारी प्रयास की सराहना करता है और बुलंदशहर में हुए इस ऐतिहासिक आयोजन के लिए सभी स्वयंसेवकों को बधाई देता है।
यह पथ संचलन न केवल RSS के शताब्दी वर्ष का प्रतीक था, बल्कि यह संदेश भी देता है कि जब समाज एक साथ चलता है, तो राष्ट्र नई ऊंचाइयों को छूता है।

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