एसटीवी न्यूज: बुलंदशहर के खानपुर इंटर कॉलेज में कीटनाशक छिड़काव से हड़कंप, दर्जनों छात्र-छात्राएं बेहोश

बुलंदशहर, 29 जुलाई 2025 – उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के खानपुर थाना क्षेत्र स्थित कनौना गांव के इंटर कॉलेज में सोमवार को एक चौंकाने वाली घटना सामने आई, जिसने न केवल छात्रों और शिक्षकों को बल्कि पूरे प्रशासन को हिला कर रख दिया। स्कूल में कीटनाशक दवा के छिड़काव के बाद दर्जनों छात्र-छात्राएं बेहोश हो गए।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, बारिश के मौसम में मच्छरों और बीमारियों की रोकथाम के उद्देश्य से शनिवार को इंटर कॉलेज में कीटनाशक दवा का छिड़काव किया गया था। लेकिन सोमवार को जब स्कूल दोबारा खुला और छात्र-छात्राएं कक्षाओं में पहुंचे, तो कुछ ही समय में कई बच्चों को सांस लेने में दिक्कत, चक्कर और उल्टी की शिकायत होने लगी। इसके बाद कई बच्चे बेहोश हो गए, जिससे स्कूल में अफरा-तफरी मच गई।

आपातकालीन स्वास्थ्य व्यवस्था और प्रशासन की त्वरित कार्रवाई

घटना की गंभीरता को देखते हुए स्कूल प्रशासन ने तुरंत एंबुलेंस और स्थानीय मदद से बच्चों को नजदीकी शिवानी हॉस्पिटल, खानपुर में भर्ती कराया। लेकिन कुछ छात्रों की हालत में सुधार न होने पर उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, स्याना रेफर किया गया।

प्राथमिक जांच में यह सामने आया है कि कीटनाशक दवा की जहरीली गैस फॉगिंग के दौरान कक्षाओं में मौजूद रही, जिससे छात्रों की तबीयत बिगड़ गई।

प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता

घटना की सूचना मिलते ही बुलंदशहर के जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अस्पताल पहुंचे और बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी ली। साथ ही, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग और प्रशासन की संयुक्त टीमें स्कूल पहुंचकर मौके का जायजा लेने में जुट गईं।

सुरक्षा मानकों पर उठे सवाल

इस घटना ने स्कूलों में कीटनाशक छिड़काव की प्रक्रिया और उसमें अपनाए जाने वाले सुरक्षा मानकों को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि छिड़काव के बाद स्कूल को कम से कम दो दिन बंद रखना चाहिए था ताकि जहरीले तत्व पूरी तरह से हट सकें।

कुछ स्थानीय लोगों ने यह भी बताया कि सोमवार का व्रत और गर्मी भी बच्चों की तबीयत बिगड़ने का कारण हो सकता है, लेकिन मुख्य वजह फॉगिंग के बाद सही तरीके से वेंटिलेशन न होना बताया जा रहा है।

जांच और जिम्मेदारों की पहचान शुरू

पुलिस और स्वास्थ्य विभाग ने मामले की जांच शुरू कर दी है। यह पता लगाया जा रहा है कि छिड़काव में इस्तेमाल की गई दवा कौन-सी थी, उसकी मात्रा कितनी थी और क्या छिड़काव के बाद कक्षाओं को ठीक से हवादार किया गया था या नहीं। स्कूल प्रशासन से भी जवाब मांगा गया है।

अभिभावकों की चिंता और सरकार से मांग

इस घटना ने पूरे क्षेत्र में भय और चिंता का माहौल पैदा कर दिया है। अभिभावक मांग कर रहे हैं कि स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठाए जाएं और कीटनाशक छिड़काव की स्पष्ट गाइडलाइन जारी की जाए।

निष्कर्ष:

बुलंदशहर की यह घटना एक चेतावनी है कि स्कूलों में स्वच्छता और कीट नियंत्रण के प्रयासों में लापरवाही नहीं बरती जा सकती। बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए और इस मामले में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। प्रशासन से अपेक्षा है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए ठोस नीति बनाई जाए।

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