BLO ड्यूटी में सुधार की मांग: राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ बांदा ने जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन

📍स्थान: बांदा, उत्तर प्रदेश
🖊️संवाददाता: राजेंद्र कुमार मिश्रा

👉 मुख्य बिंदु:

  • शिक्षकों की बीएलओ ड्यूटी में अनियमितता पर उठाई आवाज
  • गर्भवती, दिव्यांग और वरिष्ठ शिक्षकों को ड्यूटी से छूट की मांग
  • विद्यालयों के शिक्षण कार्य पर पड़ रहा है असर

📝 पूरी रिपोर्ट:
बांदा ज़िले में बीएलओ ड्यूटी के असमान वितरण को लेकर शिक्षकों में रोष है। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ बांदा ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाते हुए जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। महासंघ का आरोप है कि बीएलओ ड्यूटी लगाने में निर्वाचन आयोग के निर्देशों की अनदेखी हो रही है।

जिला अध्यक्ष पंकज सिंह ने बताया कि जनपद में बीएलओ ड्यूटी अनियमित ढंग से शिक्षकों पर थोप दी गई है, जबकि आयोग के निर्देशों के अनुसार पहले अन्य विभागों के राजकीय/संविदा कर्मचारियों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। शिक्षकों की अधिक ड्यूटी लगने से विद्यालयों में पढ़ाई बाधित हो रही है।

उन्होंने कहा कि कई प्रमुख पदों पर तैनात प्रधानाध्यापकों और इंचार्ज शिक्षकों को भी बीएलओ बना दिया गया है, जबकि उनकी भूमिका स्कूल संचालन में अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। इसके अलावा 60-100% तक दिव्यांग शिक्षकों, 55 वर्ष से अधिक आयु वाले शिक्षकों, तथा गर्भवती या मातृत्व अवकाश पर रहने वाली महिला शिक्षिकाओं को भी बीएलओ ड्यूटी दे दी गई है, जिससे उनके लिए कार्य करना मुश्किल हो रहा है।

🗣️ ज्ञापन में रखी गई प्रमुख मांगें:

  1. पहले अन्य विभागों के कर्मचारियों को बीएलओ ड्यूटी दी जाए
  2. प्रधानाध्यापक/इंचार्ज शिक्षकों को बीएलओ ड्यूटी से मुक्त किया जाए
  3. दिव्यांग, गर्भवती व वरिष्ठ शिक्षकों को ड्यूटी से छूट दी जाए
  4. एक शिक्षक की ड्यूटी एक ही चुनाव और एक ही क्षेत्र में सुनिश्चित की जाए

ज्ञापन सौंपते समय कई पदाधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें डॉ. शिव प्रकाश सिंह (मण्डल अध्यक्ष), विनोद कुमार शिवहरे, राजेंद्र द्विवेदी, सौरभ मिश्रा, बाबूराम, व अन्य शामिल थे।

📹 बाइट: पंकज सिंह, जिलाध्यक्ष राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ बांदा

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