बुलंदशहर के औरंगाबाद नगर में आगामी मोहर्रम जुलूस को शांतिपूर्ण और सुरक्षित ढंग से संपन्न कराने के लिए प्रशासन ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। गुरुवार को अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) ऋजुल कुमार ने औरंगाबाद पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया और स्थानीय लोगों से संवाद कर उनकी समस्याओं को सुना। जिला प्रशासन और पुलिस मोहर्रम के दौरान किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए पूरी तरह सतर्क है। एएसपी ने शरारती तत्वों पर नजर रखने और अफवाहों से बचने की अपील की, ताकि जुलूस आपसी सद्भाव के साथ संपन्न हो सके।
एएसपी का दौरा और सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण
गुरुवार को एएसपी ऋजुल कुमार ने औरंगाबाद नगर के मुख्य मार्गों पर पैदल गश्त कर मोहर्रम जुलूस के लिए निर्धारित मार्गों का निरीक्षण किया। उन्होंने जुलूस के रास्तों पर सुरक्षा व्यवस्था की जांच की और संवेदनशील इलाकों में विशेष प्रबंध करने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने स्थानीय लोगों से बातचीत की और उनकी समस्याओं को समझा। एएसपी ने सभी से अपील की कि वे मोहर्रम को आपसी सद्भाव और शांति के साथ मनाएं।
एएसपी ने कहा, “मोहर्रम एक महत्वपूर्ण धार्मिक अवसर है, और इसे शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराना हमारी प्राथमिकता है। हम किसी भी तरह की अफवाह या शरारत को बर्दाश्त नहीं करेंगे।” उन्होंने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और ऐसी गतिविधियों की सूचना तुरंत पुलिस को देने की अपील की।
पुलिस को सख्त निर्देश
एएसपी ऋजुल कुमार ने एसओ औरंगाबाद वरुण शर्मा को सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करने और जुलूस के दौरान शरारती तत्वों पर कड़ी नजर रखने का आदेश दिया। पुलिस को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि जुलूस के दौरान कोई भी अप्रिय घटना न हो। इसके लिए सीसीटीवी निगरानी, ड्रोन सर्वेक्षण, और नियमित गश्त जैसे उपायों को लागू करने की योजना बनाई जा रही है।
बुलंदशहर में मोहर्रम की तैयारियां
मोहर्रम के दौरान बुलंदशहर में हर साल बड़े पैमाने पर जुलूस निकाले जाते हैं, जिसमें हजारों लोग हिस्सा लेते हैं। जिला प्रशासन और पुलिस इस अवसर पर शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए पहले से ही तैयारियां शुरू कर देते हैं। हाल के वर्षों में, बुलंदशहर में मोहर्रम जुलूस शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुए हैं, और इस बार भी प्रशासन कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता।
पिछले साल 2024 में औरंगाबाद और खुर्जा क्षेत्रों में मोहर्रम जुलूस के दौरान कुछ छोटी-मोटी घटनाएं सामने आई थीं, जिन्हें पुलिस ने तुरंत नियंत्रित कर लिया था। इस अनुभव को ध्यान में रखते हुए, इस बार पुलिस और प्रशासन पहले से अधिक सतर्क है।
क्या हैं जरूरी कदम?
मोहर्रम जुलूस को सुरक्षित और शांतिपूर्ण बनाने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
- सख्त सुरक्षा व्यवस्था: जुलूस मार्गों पर अतिरिक्त पुलिस बल, सीसीटीवी, और ड्रोन निगरानी की व्यवस्था हो।
- संदिग्ध गतिविधियों पर नजर: शरारती तत्वों और अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी नजर रखी जाए।
- जागरूकता अभियान: स्थानीय लोगों को अफवाहों से बचने और शांति बनाए रखने के लिए जागरूक किया जाए।
- आपसी संवाद: विभिन्न समुदायों के बीच संवाद और समन्वय को बढ़ावा दिया जाए ताकि भाईचारा बना रहे।
- तत्काल प्रतिक्रिया: किसी भी अप्रिय स्थिति में तुरंत कार्रवाई के लिए पुलिस की रैपिड एक्शन टीम तैयार रहे।
निष्कर्ष
एएसपी ऋजुल कुमार का औरंगाबाद दौरा और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा मोहर्रम जुलूस को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बुलंदशहर प्रशासन और पुलिस की सतर्कता और स्थानीय लोगों का सहयोग इस पवित्र अवसर को आपसी सद्भाव और शांति का प्रतीक बना सकता है। मोहर्रम का यह अवसर न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि समाज में भाईचारे और एकता को बढ़ावा देने का भी मौका है। आइए, हम सभी मिलकर इसे शांति और सम्मान के साथ मनाएं।
आपके विचार क्या हैं? क्या मोहर्रम जैसे धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने की जरूरत है? अपनी राय कमेंट में साझा करें और इस ब्लॉग को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं, ताकि शांति और सद्भाव का संदेश फैले।
स्रोत: स्थानीय सूत्र, पुलिस जानकारी, और समाचार रिपोर्ट्स
नोट: यह ब्लॉग जनहित में लिखा गया है और इसका उद्देश्य मोहर्रम जुलूस के दौरान शांति और सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाना है।










