बुलंदशहर के औरंगाबाद थाना क्षेत्र के सैदपुरा गांव में एक दुखद और सनसनीखेज घटना ने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है। सोनी चौधरी, एक विवाहिता, की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई, और उनके परिजनों ने इसे आत्महत्या नहीं, बल्कि हत्या करार देते हुए ससुराल पक्ष पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सोनी के पति ब्रजवीर पर किसी अन्य महिला से संबंध होने का आरोप है, जिसके चलते दंपति के बीच पहले भी विवाद हो चुका था। औरंगाबाद थाना पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। यह घटना एक बार फिर वैवाहिक उत्पीड़न और महिलाओं की सुरक्षा जैसे गंभीर मुद्दों को उजागर करती है।
घटना का पूरा विवरण
सोनी चौधरी, जो मूल रूप से मामऊ गांव, थाना अहमदगढ़ क्षेत्र की निवासी थीं, की शादी 2023 में सैदपुरा गांव के ब्रजवीर पुत्र दिनेश चौधरी के साथ हुई थी। परिजनों के अनुसार, सोनी और ब्रजवीर के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा था। सोनी के पिता वीरेंद्र सिंह, जो सीआरपीएफ में जम्मू-कश्मीर में तैनात हैं, ने बताया कि बीते दिन दोपहर में उनकी बेटी से फोन पर बात हुई थी, और उस समय सोनी ने कोई परेशानी नहीं बताई थी। सब कुछ सामान्य लग रहा था।
लेकिन देर शाम वीरेंद्र सिंह को फोन पर सूचना मिली कि उनकी बेटी की मौत हो गई है। परिजनों को तुरंत सूचित किया गया, और जब वे सैदपुरा पहुंचे, तो ससुराल वालों ने दावा किया कि सोनी ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या की है। हालांकि, परिजनों को सोनी के गले पर निशान दिखाई दिए, जिसके बाद उन्हें मामला संदिग्ध लगा। परिजनों ने तत्काल पुलिस को सूचना दी। औरंगाबाद थाना पुलिस मौके पर पहुंची, शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
परिजनों के गंभीर आरोप
सोनी के पिता वीरेंद्र सिंह और अन्य परिजनों ने ससुराल पक्ष पर हत्या का गंभीर आरोप लगाया है। उनका दावा है कि ब्रजवीर का किसी अन्य महिला से अवैध संबंध था, जिसके कारण सोनी और उनके पति के बीच कई बार विवाद हो चुका था। वीरेंद्र सिंह ने कहा, “मेरी बेटी से दोपहर में बात हुई थी, और वह बिल्कुल ठीक थी। अचानक उसकी मौत की खबर ने हमें हिलाकर रख दिया। गले पर निशान और ससुराल वालों का व्यवहार साफ तौर पर हत्या की ओर इशारा करता है। हम चाहते हैं कि पुलिस इस मामले की निष्पक्ष जांच करे और दोषियों को सजा दे।
“परिजनों ने यह भी बताया कि सोनी को ससुराल में मानसिक और भावनात्मक रूप से प्रताड़ित किया जाता था। वे इस मामले को आत्महत्या मानने को तैयार नहीं हैं और मांग कर रहे हैं कि ब्रजवीर और उसके परिवार से गहन पूछताछ की जाए।
पुलिस और फोरेंसिक जांच
औरंगाबाद थाना पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत कार्रवाई शुरू की। पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और फोरेंसिक टीम को साक्ष्य एकत्र करने के लिए बुलाया। शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा गया है, और पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत का सटीक कारण स्पष्ट होगा। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “हम परिजनों के आरोपों को गंभीरता से ले रहे हैं। ससुराल पक्ष से पूछताछ की जा रही है, और फोरेंसिक जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।”पुलिस ने ब्रजवीर और अन्य ससुराल वालों से पूछताछ शुरू कर दी है। यदि परिजनों की तहरीर मिलती है, तो हत्या या दहेज उत्पीड़न के तहत मुकदमा दर्ज किया जा सकता है।
बुलंदशहर में विवाहिताओं की संदिग्ध मौतें
बुलंदशहर में हाल के महीनों में विवाहिताओं की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के कई मामले सामने आए हैं। 31 अगस्त 2024 को औरंगाबाद क्षेत्र के मूढ़ी बकापुर गांव में सोनम (25) की गला दबाकर हत्या का मामला सामने आया था, जिसमें परिजनों ने दहेज हत्या का आरोप लगाया था। इसके अलावा, 21 जून 2025 को खुर्जा देहात के फराना गांव में भी एक नवविवाहिता की संदिग्ध मौत ने सुर्खियां बटोरी थीं। ये घटनाएं दहेज उत्पीड़न और वैवाहिक हिंसा जैसे गंभीर सामाजिक मुद्दों की ओर इशारा करती हैं।
सामाजिक और कानूनी सवाल
सोनी चौधरी की संदिग्ध मौत ने एक बार फिर समाज में महिलाओं की सुरक्षा और वैवाहिक उत्पीड़न के मुद्दों को उजागर किया है। परिजनों का आरोप कि ब्रजवीर का किसी अन्य महिला से संबंध था, वैवाहिक विश्वासघात और मानसिक उत्पीड़न की गंभीर समस्या को सामने लाता है। गले पर निशान और संदिग्ध परिस्थितियां हत्या की आशंका को और मजबूत करती हैं। यह घटना समाज से यह सवाल पूछती है कि क्या हम विवाहिताओं को उनके ससुराल में पर्याप्त सुरक्षा और सम्मान दे पा रहे हैं? क्या प्रशासन और कानून ऐसी घटनाओं को रोकने में प्रभावी भूमिका निभा रहे हैं?
क्या हैं जरूरी कदम?
इस दुखद घटना के बाद, निम्नलिखित कदम उठाए जाने चाहिए:
- गहन और निष्पक्ष जांच: पुलिस को पोस्टमार्टम और फोरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर जल्द से जल्द सच सामने लाना चाहिए। ससुराल पक्ष से गहन पूछताछ और साक्ष्यों की जांच हो।
- दहेज और उत्पीड़न पर सख्ती: दहेज मांगने और वैवाहिक उत्पीड़न के मामलों में IPC धारा 304B और 498A के तहत सख्त कार्रवाई हो।
- महिलाओं के लिए हेल्पलाइन: विवाहिताओं के लिए 24×7 हेल्पलाइन और काउंसलिंग सेंटर स्थापित किए जाएं, ताकि वे अपनी समस्याएं साझा कर सकें।
- जागरूकता अभियान: समाज में दहेज, वैवाहिक हिंसा, और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए अभियान चलाए जाएं।
- परिवार को समर्थन: सोनी के परिवार को इस दुखद घड़ी में भावनात्मक और कानूनी सहायता प्रदान की जाए।
निष्कर्ष
सोनी चौधरी की संदिग्ध मौत ने बुलंदशहर में एक बार फिर वैवाहिक उत्पीड़न और महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दों को उजागर किया है। परिजनों के गंभीर आरोप और गले पर निशान इस मामले को और रहस्यमय बनाते हैं। क्या यह आत्महत्या थी, या इसके पीछे कोई साजिश थी? इसका जवाब पोस्टमार्टम और पुलिस जांच से ही मिलेगा। लेकिन यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि समाज और प्रशासन को मिलकर ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए और प्रभावी कदम उठाने होंगे। सोनी के परिवार को न्याय की उम्मीद है, और यह उम्मीद समाज की जिम्मेदारी है कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
आपके विचार क्या हैं? क्या दहेज और वैवाहिक उत्पीड़न के खिलाफ और सख्त कानूनों की जरूरत है? अपनी राय कमेंट में साझा करें और इस ब्लॉग को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं, ताकि महिलाओं की सुरक्षा और न्याय के प्रति जागरूकता फैले।
स्रोत: स्थानीय सूत्र, पुलिस जानकारी, और परिजनों के बयान
नोट: यह ब्लॉग जनहित में लिखा गया है और इसका उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा, दहेज उत्पीड़न, और वैवाहिक हिंसा के खिलाफ जागरूकता फैलाना है।










