लखनऊ में दिल दहलाने वाली घटना: चौक के अशरफाबाद में एक ही परिवार के तीन लोगों ने जहर खाकर दी जान, सुसाइड नोट बरामद

दिनांक: 30 जून 2025

लखनऊ के चौक थाना क्षेत्र के अशरफाबाद, नक्खास में एक ऐसी घटना ने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया, जिसने हर किसी को सदमे में डाल दिया। एक ही परिवार के तीन लोगों—शोभित रस्तोगी (48), उनकी पत्नी सुचिता रस्तोगी, और उनकी 16 वर्षीय बेटी ख्याती रस्तोगी—के शव उनके फ्लैट में पाए गए। पुलिस के अनुसार, तीनों ने जहर खाकर आत्महत्या की है। घटनास्थल से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, लेकिन आत्महत्या के कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो सके हैं। DCP पश्चिम विश्वजीत श्रीवास्तव के नेतृत्व में पुलिस और फोरेंसिक टीम ने मौके का निरीक्षण किया और जांच शुरू कर दी है। यह घटना न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि समाज के लिए भी एक गंभीर चेतावनी है।

क्या है पूरा मामला?

सोमवार की सुबह, चौक थाना क्षेत्र के अशरफाबाद इलाके में स्थित एक फ्लैट में तीन लोगों के शव मिलने की सूचना ने सनसनी मचा दी। मृतकों की पहचान शोभित रस्तोगी (48), उनकी पत्नी सुचिता रस्तोगी, और उनकी नाबालिग बेटी ख्याती रस्तोगी (16) के रूप में हुई। शोभित रस्तोगी राजाजीपुरम में कपड़े के एक बड़े व्यापारी थे और उनकी दुकान इलाके में जानी-मानी थी।

पुलिस को सूचना मिलते ही चौक थाना पुलिस और वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। DCP पश्चिम विश्वजीत श्रीवास्तव ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और परिजनों से पूछताछ शुरू की। प्रारंभिक जांच में पुलिस ने पुष्टि की कि तीनों ने जहर खाकर आत्महत्या की है। घटनास्थल से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, जिसके आधार पर पुलिस आत्महत्या के कारणों का पता लगाने की कोशिश कर रही है। हालांकि, सुसाइड नोट में लिखी सामग्री को अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है।

फोरेंसिक जांच और पुलिस की कार्रवाई

पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए फोरेंसिक फील्ड यूनिट को घटनास्थल पर बुलाया। फोरेंसिक टीम ने शवों और फ्लैट की गहन जांच की ताकि यह पता लगाया जा सके कि जहर कैसे और कब खाया गया। पोस्टमार्टम के लिए शवों को भेज दिया गया है, और पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत के सटीक कारणों की पुष्टि होने की उम्मीद है। पुलिस ने आसपास के लोगों और परिजनों से पूछताछ शुरू की है ताकि यह समझा जा सके कि इस परिवार ने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया।

DCP विश्वजीत श्रीवास्तव ने बताया, “हम इस मामले की हर दृष्टिकोण से जांच कर रहे हैं। सुसाइड नोट और फोरेंसिक जांच के आधार पर जल्द ही आत्महत्या के कारणों का खुलासा होगा। हम परिजनों और पड़ोसियों से भी जानकारी जुटा रहे हैं।”

परिवार और स्थानीय लोगों का दर्द

शोभित रस्तोगी राजाजीपुरम में कपड़े के एक प्रतिष्ठित व्यापारी थे। उनकी दुकान और परिवार इलाके में सम्मानित थे। इस हादसे ने उनके रिश्तेदारों और पड़ोसियों को गहरे सदमे में डाल दिया है। एक पड़ोसी ने बताया, “शोभित जी बहुत नेक और मेहनती इंसान थे। उनकी बेटी ख्याती पढ़ाई में होनहार थी। हमें यकीन नहीं हो रहा कि ऐसा कैसे हो सकता है।”

परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। शोभित के एक रिश्तेदार ने कहा, “हमें नहीं पता कि उन्होंने ऐसा कदम क्यों उठाया। अगर कोई परेशानी थी, तो हमें बताना चाहिए था। हम चाहते हैं कि पुलिस इस मामले की पूरी सच्चाई सामने लाए।”

आत्महत्या के कारण: अभी रहस्य

पुलिस के अनुसार, आत्महत्या के कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो सके हैं। सुसाइड नोट से कुछ सुराग मिलने की उम्मीद है, लेकिन शुरुआती जांच में कोई ठोस वजह सामने नहीं आई है। कुछ स्थानीय लोगों का कहना है कि शोभित के व्यवसाय में हाल के दिनों में कुछ परेशानियां थीं, लेकिन यह इतना बड़ा कदम उठाने का कारण हो सकता है, इस पर संदेह है। कुछ लोग मानसिक तनाव या पारिवारिक दबाव की आशंका भी जता रहे हैं।

लखनऊ में बढ़ते आत्महत्या के मामले

लखनऊ में हाल के वर्षों में आत्महत्या के मामले चिंताजनक रूप से बढ़े हैं। 2024 में चिनहट थाना क्षेत्र में एक परिवार के चार लोगों ने आत्महत्या की थी, जिसके पीछे आर्थिक तंगी को कारण बताया गया था। इसके अलावा, हजरतगंज में एक युवा व्यवसायी की आत्महत्या ने भी सुर्खियां बटोरी थीं। इन घटनाओं ने मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक समर्थन की कमी को उजागर किया है।

क्या हैं जरूरी कदम?

इस दुखद घटना ने कई सवाल खड़े किए हैं। आत्महत्या जैसी घटनाओं को रोकने और इस परिवार की त्रासदी से सबक लेने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:

  1. निष्पक्ष और त्वरित जांच: पुलिस को सुसाइड नोट, फोरेंसिक जांच, और परिजनों के बयानों के आधार पर आत्महत्या के कारणों का जल्द से जल्द पता लगाना चाहिए।
  2. मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता: समाज में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान चलाए जाएं। हेल्पलाइन नंबर और काउंसलिंग सेवाएं आसानी से उपलब्ध होनी चाहिए।
  3. आर्थिक और सामाजिक समर्थन: व्यवसायियों और परिवारों को आर्थिक तंगी या तनाव से निपटने के लिए सरकारी योजनाओं और समर्थन की जानकारी दी जाए।
  4. परिवारों के लिए सहायता: शोभित रस्तोगी के परिवार के बचे हुए सदस्यों को भावनात्मक और आर्थिक सहायता प्रदान की जाए।
  5. सामुदायिक निगरानी: पड़ोसियों और समुदाय को एक-दूसरे के प्रति संवेदनशील होने के लिए प्रोत्साहित किया जाए ताकि कोई भी परिवार अकेलेपन या तनाव का शिकार न हो।

निष्कर्ष

लखनऊ के अशरफाबाद में शोभित रस्तोगी, सुचिता रस्तोगी, और उनकी बेटी ख्याती की आत्महत्या ने न केवल एक परिवार को खत्म कर दिया, बल्कि समाज के सामने कई सवाल भी खड़े किए हैं। क्या यह आर्थिक तंगी थी, मानसिक तनाव था, या कोई और अनकहा दर्द? सुसाइड नोट और पुलिस जांच से सच्चाई सामने आने की उम्मीद है। लेकिन यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हम अपने आसपास के लोगों की परेशानियों को समझ पा रहे हैं? क्या हम उन्हें समय पर सहारा दे पा रहे हैं? शोभित और उनके परिवार की यह त्रासदी हमें मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक एकजुटता की अहमियत सिखाती है।

आपके विचार क्या हैं? क्या मानसिक स्वास्थ्य और आर्थिक सहायता के लिए और बेहतर कदम उठाने की जरूरत है? अपनी राय कमेंट में साझा करें और इस ब्लॉग को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं, ताकि आत्महत्या रोकथाम और जागरूकता को बढ़ावा मिले।

स्रोत: स्थानीय सूत्र, पुलिस जानकारी, और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान

नोट: यह ब्लॉग जनहित में लिखा गया है और इसका उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या रोकथाम के प्रति जागरूकता फैलाना है।

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