बुलंदशहर के खानपुर क्षेत्र में एक रेस्टोरेंट में हुए दुखद हादसे ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। नैनीताल निवासी युवक कमल सिंह की बिजली के करंट की चपेट में आने से दर्दनाक मौत हो गई। यह घटना उस समय हुई, जब वह रेस्टोरेंट के एक कमरे में पानी गर्म कर रहा था। खानपुर थाना पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। हालांकि, मृतक के परिजनों ने इस घटना को संदिग्ध बताते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है। स्थानीय लोगों और चश्मदीदों के बयानों ने इस हादसे को और रहस्यमय बना दिया है।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के अनुसार, कमल सिंह खानपुर क्षेत्र के एक रेस्टोरेंट में ठहरे हुए थे। रविवार की रात को वह कमरे में पानी गर्म करने के लिए एक इलेक्ट्रिक हीटर का उपयोग कर रहे थे। इसी दौरान अचानक करंट की चपेट में आने से उनकी मौके पर ही मौत हो गई। रेस्टोरेंट कर्मचारियों ने शोर सुनकर कमरे में पहुंचकर देखा, तो कमल सिंह बेहोश पड़े थे। तुरंत पुलिस को सूचना दी गई, और खानपुर थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है, और पुलिस ने प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है।
एक चश्मदीद, जो रेस्टोरेंट में काम करता है, ने बताया, “हमने अचानक एक जोर की आवाज सुनी। जब कमरे में पहुंचे, तो कमल सिंह जमीन पर पड़े थे, और हीटर का तार उनके पास था। हमें समझ नहीं आया कि यह कैसे हुआ।” चश्मदीद के अनुसार, कमरे में बिजली की वायरिंग पुरानी थी, और रेस्टोरेंट में सुरक्षा उपायों की कमी थी।
परिजनों का आरोप: यह हादसा नहीं, साजिश हो सकती है
कमल सिंह के परिजनों ने इस घटना को महज एक हादसा मानने से इनकार कर दिया है। उनके परिवार का कहना है कि कमल पूरी तरह स्वस्थ थे और उनके साथ कोई दुश्मनी या विवाद की बात सामने नहीं आई थी। फिर भी, वे इस मामले को संदिग्ध मान रहे हैं। मृतक के भाई विक्रम सिंह ने बयान दिया, “मेरा भाई बहुत सावधान रहता था। हमें यकीन नहीं हो रहा कि यह सिर्फ करंट का हादसा है। रेस्टोरेंट की लापरवाही और पुरानी वायरिंग की वजह से यह हुआ, या इसके पीछे कोई और साजिश है। हम चाहते हैं कि पुलिस इसकी गहन और निष्पक्ष जांच करे।”
परिजनों ने यह भी मांग की है कि रेस्टोरेंट के मालिक और कर्मचारियों से गहन पूछताछ की जाए। उनके अनुसार, रेस्टोरेंट में बिजली के उपकरणों की सुरक्षा जांच और रखरखाव की कमी थी, जिसके कारण यह हादसा हुआ।
ग्राउंड रिपोर्ट: रेस्टोरेंट में सुरक्षा उपायों की कमी
हमारी ग्राउंड रिपोर्ट के अनुसार, खानपुर के इस रेस्टोरेंट में बिजली के उपकरणों और वायरिंग की स्थिति बेहद खराब थी। स्थानीय लोगों ने बताया कि रेस्टोरेंट में अक्सर पुराने और असुरक्षित उपकरणों का उपयोग होता था। एक अन्य चश्मदीद, जो पास की दुकान चलाता है, ने कहा, “यह रेस्टोरेंट काफी समय से चल रहा है, लेकिन यहां बिजली की वायरिंग और उपकरणों की जांच कभी नहीं होती। पहले भी छोटे-मोटे हादसे हो चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।”
यह हादसा बुलंदशहर में हाल के दिनों में करंट से होने वाली मौतों की श्रृंखला में एक और कड़ी जोड़ता है। हाल ही में, मुंडी बकापूर गांव में रणजीत सिंह की तारबंदी में अवैध करंट की चपेट में आने से मौत हो गई थी। इन घटनाओं ने बिजली सुरक्षा और अवैध बिजली उपयोग पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
खानपुर थाना पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने रेस्टोरेंट के कर्मचारियों और मालिक से पूछताछ शुरू की है और घटनास्थल की फोरेंसिक जांच के लिए विशेषज्ञों को बुलाया गया है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, “हम पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं, जो कमल सिंह की मौत के सटीक कारण को स्पष्ट करेगी। साथ ही, रेस्टोरेंट की बिजली व्यवस्था और सुरक्षा उपायों की जांच की जा रही है।”
पुलिस ने यह भी बताया कि वे सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रहे हैं, जो रेस्टोरेंट और आसपास के इलाके में उपलब्ध हो सकती है। परिजनों के संदेह को देखते हुए, पुलिस ने आश्वासन दिया है कि जांच निष्पक्ष होगी और किसी भी तरह की साजिश की आशंका को खारिज करने के लिए हर पहलू की जांच की जाएगी।
बुलंदशहर में करंट से मौतों का सिलसिला
बुलंदशहर में हाल के महीनों में करंट से होने वाली मौतों की संख्या चिंताजनक रूप से बढ़ रही है। पोटा कबूलपुर में एक युवक की तारबंदी में करंट से मौत, खुर्जा तहसील में नरेंद्र सिंह की नलकूप पर करंट लगने से मृत्यु, और अब खानपुर में कमल सिंह की मौत ने प्रशासन और बिजली विभाग की लापरवाही को उजागर किया है। स्थानीय लोग इस बात से नाराज हैं कि बार-बार होने वाली इन घटनाओं के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही।
परिजनों और स्थानीय लोगों की मांग
कमल सिंह के परिजनों ने न केवल निष्पक्ष जांच की मांग की है, बल्कि रेस्टोरेंट मालिक के खिलाफ सख्त कार्रवाई और परिवार को आर्थिक सहायता की भी मांग की है। स्थानीय लोगों ने भी प्रशासन से मांग की है कि रेस्टोरेंट्स और सार्वजनिक स्थानों पर बिजली सुरक्षा के मानकों को सख्ती से लागू किया जाए। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “ऐसे हादसे तब तक नहीं रुकेंगे, जब तक बिजली विभाग और प्रशासन पुरानी वायरिंग और असुरक्षित उपकरणों की जांच नहीं करेंगे।”
क्या है जरूरी कदम?
इस दुखद घटना के बाद, निम्नलिखित कदम उठाए जाने चाहिए:
- निष्पक्ष जांच: पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट, फोरेंसिक जांच, और चश्मदीदों के बयानों के आधार पर मामले की गहराई से जांच करनी चाहिए।
- रेस्टोरेंट की जवाबदेही: रेस्टोरेंट मालिक और कर्मचारियों की लापरवाही की जांच हो, और सुरक्षा मानकों का उल्लंघन पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाए।
- बिजली सुरक्षा मानक: सभी रेस्टोरेंट्स, होटलों, और सार्वजनिक स्थानों पर बिजली उपकरणों और वायरिंग की नियमित जांच अनिवार्य की जाए।
- परिवार को सहायता: कमल सिंह के परिवार को तत्काल आर्थिक सहायता और मुआवजा प्रदान किया जाए।
- जागरूकता अभियान: बिजली के सुरक्षित उपयोग और पुरानी वायरिंग के खतरों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाए जाएं।
निष्कर्ष
कमल सिंह की असमय मृत्यु ने न केवल उनके परिवार को गहरे दुख में डुबो दिया, बल्कि बुलंदशहर में बिजली सुरक्षा की खामियों को भी उजागर किया। परिजनों का संदेह और चश्मदीदों के बयान इस हादसे को और रहस्यमय बनाते हैं। क्या यह केवल एक दुर्घटना थी, या इसके पीछे कोई और सच्चाई छिपी है? पोस्टमार्टम रिपोर्ट और पुलिस जांच से सच्चाई सामने आने की उम्मीद है। लेकिन तब तक, यह घटना प्रशासन के लिए एक चेतावनी है कि बिजली सुरक्षा को लेकर अब और लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
आपके विचार क्या हैं? क्या रेस्टोरेंट्स और सार्वजनिक स्थानों पर बिजली सुरक्षा के लिए सख्त नियम लागू होने चाहिए? अपनी राय कमेंट में साझा करें और इस ब्लॉग को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं, ताकि बिजली सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैले।
स्रोत: स्थानीय सूत्र, चश्मदीदों के बयान, और पुलिस जानकारी
नोट: यह ब्लॉग जनहित में लिखा गया है और इसका उद्देश्य बिजली सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाना और पीड़ित परिवार को समर्थन देना है।










