उन्नाव जिले के अजगैन थाना क्षेत्र से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां पाकरगांव निवासी 48 वर्षीय मजदूर अंशुमान की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। इस घटना ने न केवल मृतक के परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है, बल्कि स्थानीय ग्रामीणों में भी आक्रोश और सवालों का माहौल पैदा कर दिया है। परिजनों ने इसे प्राकृतिक मौत मानने से इनकार करते हुए हत्या का गंभीर आरोप लगाया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट के इंतजार में सच्चाई अभी पर्दे में है।
क्या है पूरा मामला?
शनिवार की शाम अंशुमान, जो एक मेहनती मजदूर थे, रोज की तरह काम पर गए थे। अचानक वह काम के दौरान गिर पड़े और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। मृतक की पत्नी आशा ने बताया कि अंशुमान परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे और उनके तीन बच्चे—दो बेटे और एक बेटी—उनके भरोसे थे। आशा का कहना है कि अंशुमान पूरी तरह स्वस्थ थे और उनकी अचानक मौत संदेह पैदा करती है।
रविवार को पोस्टमार्टम हाउस पर परिजनों और ग्रामीणों की भारी भीड़ जमा हो गई। मृतक के बेटे सचिन ने बाइट में कहा, “मेरे पिता स्वस्थ थे। वह रोज काम पर जाते थे और कभी कोई शिकायत नहीं थी। हमें यकीन है कि उनकी मौत कोई साधारण घटना नहीं है। किसी ने उनके साथ मारपीट की या धक्का दिया, जिससे यह हादसा हुआ।”
परिजनों और ग्रामीणों का आरोप है कि अंशुमान की मौत के पीछे कोई साजिश है। उनका कहना है कि यह प्राकृतिक मौत नहीं, बल्कि हत्या है। परिवार वालों ने मांग की है कि पुलिस इस मामले की गहन जांच करे और दोषियों को सजा दे।
पुलिस और प्रशासन का रुख
अजगैन थाना की पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अंशुमान के शव का पोस्टमार्टम कराया गया है और रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सटीक कारणों का पता चल सकेगा। फिलहाल, पुलिस ने परिजनों के बयान दर्ज किए हैं और आसपास के लोगों से पूछताछ कर रही है।
हालांकि, परिजनों और ग्रामीणों का गुस्सा इस बात को लेकर है कि पुलिस की शुरुआती जांच में कोई ठोस प्रगति नहीं दिख रही। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि इस घटना की निष्पक्ष जांच हो और सच्चाई जल्द से जल्द सामने आए।
मृतक का परिवार और उनकी आर्थिक स्थिति
अंशुमान के परिवार की स्थिति अत्यंत दयनीय है। उनकी पत्नी आशा ने बताया कि पति की मौत के बाद परिवार का गुजारा चलाना मुश्किल हो गया है। उनके तीन बच्चे अभी छोटे हैं, और अंशुमान ही घर का एकमात्र सहारा थे। आशा ने सरकार से आर्थिक मदद और बच्चों के भविष्य के लिए सहायता की गुहार लगाई है।
स्थानीय लोगों ने भी अंशुमान को एक मेहनती और सरल स्वभाव का व्यक्ति बताया। उनके अचानक चले जाने से न केवल परिवार, बल्कि पूरे गांव में शोक की लहर है। ग्रामीणों का कहना है कि अंशुमान की मौत की सच्चाई सामने आनी चाहिए और उनके परिवार को न्याय मिलना चाहिए।
बढ़ते संदिग्ध मौत के मामले
उन्नाव में इस तरह के संदिग्ध मौत के मामले कोई नई बात नहीं हैं। हाल ही में, 3 जून 2025 को सोहरामऊ थाना क्षेत्र में एक नवजात की संदिग्ध मौत का मामला सामने आया था, जहां परिजनों ने अस्पताल की लापरवाही का आरोप लगाया था। इसके अलावा, पिछले साल सितंबर 2024 में असोहा थाना क्षेत्र में एक युवक की संदिग्ध मौत ने भी सुर्खियां बटोरी थीं। इन मामलों में पुलिस जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की बात तो कही जाती है, लेकिन कई बार सच्चाई सामने नहीं आ पाती, जिससे जनता में अविश्वास बढ़ता है।
समाधान और मांगें
इस घटना ने एक बार फिर पुलिस और प्रशासन की जवाबदेही पर सवाल उठाए हैं। इस मामले में निम्नलिखित कदम उठाए जाने चाहिए:
- निष्पक्ष और त्वरित जांच: पुलिस को तुरंत मामले की गहन जांच करनी चाहिए। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के साथ-साथ घटनास्थल की फोरेंसिक जांच भी जरूरी है।
- परिजनों को सहायता: अंशुमान के परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए सरकार को तत्काल आर्थिक मदद और बच्चों की शिक्षा के लिए सहायता प्रदान करनी चाहिए।
- दोषियों के खिलाफ कार्रवाई: यदि जांच में हत्या की पुष्टि होती है, तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
- जागरूकता और सुरक्षा: ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरों की सुरक्षा और उनके कार्यस्थल पर बेहतर सुविधाओं की व्यवस्था की जानी चाहिए।
निष्कर्ष
अंशुमान की संदिग्ध मौत ने उन्नाव के पाकरगांव में सनसनी फैला दी है। परिजनों का हत्या का आरोप और उनकी आर्थिक तंगी इस मामले को और गंभीर बनाती है। यह घटना न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि समाज और प्रशासन के लिए एक चेतावनी भी है। क्या अंशुमान के परिवार को न्याय मिलेगा? क्या पोस्टमार्टम रिपोर्ट से सच्चाई सामने आएगी? इन सवालों के जवाब का इंतजार न केवल मृतक के परिवार को है, बल्कि पूरे गांव को भी है।
आपके विचार क्या हैं? क्या इस तरह के मामलों में प्रशासन को और सख्ती बरतनी चाहिए? अपनी राय कमेंट में साझा करें और इस ब्लॉग को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं, ताकि जागरूकता फैले और न्याय की मांग को बल मिले।
स्रोत: स्थानीय सूत्र, मृतक के बेटे सचिन की बाइट, और समाचार रिपोर्ट्स
नोट: यह ब्लॉग जनहित में लिखा गया है और इसका उद्देश्य समाज में जागरूकता फैलाना और मृतक के परिवार को न्याय दिलाने की मांग को समर्थन देना है।
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