दिनांक: 24 मई 2025
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में झोलाछाप डॉक्टरों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक बार फिर एक मासूम की जान झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही का शिकार हो गई। गलत इंजेक्शन लगाने के कारण मासूम ने दम तोड़ दिया, जिसके बाद परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा और क्लिनिक के बाहर जमकर हंगामा हुआ। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है, और अवैध क्लिनिक को सील कर दिया गया है। यह घटना एक दिन पहले एक अन्य अवैध क्लिनिक पर की गई सीलिंग की कार्रवाई के बाद हुई है, जो जिले में अवैध चिकित्सा प्रथाओं पर सवाल उठाती है।
घटना का विवरण
बुलंदशहर के एक क्षेत्र में आज एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जहां एक झोलाछाप डॉक्टर द्वारा लगाए गए गलत इंजेक्शन के कारण एक मासूम बच्चे की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि बच्चे को बुखार या अन्य बीमारी के इलाज के लिए क्लिनिक में लाया गया था, जहां झोलाछाप डॉक्टर ने बिना उचित जांच या योग्यता के इंजेक्शन लगा दिया। इंजेक्शन लगाने के कुछ ही समय बाद बच्चे की हालत बिगड़ गई और उसने दम तोड़ दिया।
परिजनों का हंगामा और तहरीर
मासूम की मौत की खबर सुनते ही परिजनों का गुस्सा भड़क उठा। उन्होंने क्लिनिक के बाहर जमकर हंगामा किया और झोलाछाप डॉक्टर पर गलत इलाज का आरोप लगाया। परिजनों ने स्थानीय पुलिस चौकी में तहरीर देकर डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि डॉक्टर की लापरवाही और बिना डिग्री के क्लिनिक चलाने की वजह से यह दुखद घटना हुई।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
सूचना मिलते ही सीएससी प्रभारी अमित कुमार मौके पर पहुंचे और तत्काल कार्रवाई करते हुए अवैध रूप से संचालित क्लिनिक को सील कर दिया। पुलिस ने तहरीर के आधार पर मामले की जांच शुरू कर दी है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि मासूम की मौत का सटीक कारण क्या था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह ध्यान देने योग्य है कि एक दिन पहले भी जिले में एक अन्य अवैध क्लिनिक पर सीलिंग की कार्रवाई की गई थी, लेकिन इसके बावजूद झोलाछाप डॉक्टरों की गतिविधियां रुकने का नाम नहीं ले रही हैं।
झोलाछाप डॉक्टरों का आतंक
बुलंदशहर में झोलाछाप डॉक्टरों की मनमानी और अवैध क्लिनिकों का संचालन कोई नई बात नहीं है। ये तथाकथित डॉक्टर बिना किसी चिकित्सा डिग्री या प्रशिक्षण के लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। इस तरह की घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी हैं, जहां गलत इलाज के कारण मरीजों की जान गई है। हाल ही में मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में भी एक मासूम की मौत झोलाछाप डॉक्टर के गलत इलाज के कारण हुई थी, जिसके बाद प्रशासन ने जांच शुरू की थी।

प्रशासन की लापरवाही पर सवाल
इस घटना ने एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं। आखिर क्यों बार-बार नोटिस और सीलिंग की कार्रवाई के बावजूद अवैध क्लिनिक संचालित हो रहे हैं? स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन की ढिलाई और भ्रष्टाचार के कारण ये झोलाछाप डॉक्टर बिना किसी डर के अपनी दुकानें चला रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाओं की कमी के चलते लोग मजबूरी में इन अवैध क्लिनिकों पर निर्भर हो रहे हैं, जिसका खामियाजा मासूमों की जान देकर चुकाना पड़ रहा है।
समाज और प्रशासन से मांग
इस दुखद घटना ने समाज और प्रशासन से कई सवाल खड़े किए हैं। आखिर कब तक मासूम और बेकसूर लोग झोलाछाप डॉक्टरों की लापरवाही का शिकार होते रहेंगे? स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि अवैध क्लिनिकों के खिलाफ सख्त और स्थायी कार्रवाई की जाए। साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि लोग इन तथाकथित डॉक्टरों पर निर्भर न रहें।
आगे क्या?
पुलिस और स्वास्थ्य विभाग इस मामले की गहन जांच कर रहे हैं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और जांच के नतीजों के आधार पर यह स्पष्ट होगा कि मासूम की मौत का कारण गलत इंजेक्शन था या कोई अन्य लापरवाही। साथ ही, यह भी जांच का विषय है कि क्या यह झोलाछाप डॉक्टर किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा है, जो अवैध रूप से क्लिनिक संचालित कर रहा है। एसटीवी न्यूज इस मामले पर नजर रखे हुए है और आपको हर अपडेट से अवगत कराता रहेगा।










