उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से एक दुखद खबर सामने आई है। गुवाहाटी में तैनात आईटीबीपी के हवलदार राजेंद्र सिंह की हृदय गति रुकने से मृत्यु हो गई। 57 वर्षीय राजेंद्र सिंह औरंगाबाद थाना क्षेत्र के गांव सैदपुरा के निवासी थे। बुधवार, 14 मई 2025 को उनका पार्थिव शरीर गांव पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया। STV News इस दुखद घटना की पूरी कहानी आपके सामने ला रहा है, साथ ही उनके जीवन और देश सेवा के बारे में कुछ अनमोल जानकारी।
क्या हुआ था?
57 वर्षीय राजेंद्र सिंह पिछले दो साल से गुवाहाटी के सोनापुर में आईटीबीपी में हवलदार के पद पर तैनात थे। सोमवार, 12 मई 2025 की देर रात, उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। उन्हें तुरंत गुवाहाटी के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन हृदय गति रुकने के कारण उनकी मृत्यु हो गई। बताया जा रहा है कि एक महीने पहले उनकी तबीयत खराब हुई थी, और उनका इलाज चल रहा था। लेकिन सोमवार रात उनकी हालत फिर से बिगड़ गई, और डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके।
गांव में मातम का माहौल
बुधवार दोपहर करीब 12 बजे, राजेंद्र सिंह का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव सैदपुरा लाया गया। तिरंगे से ढके उनके शव को देखते ही परिजनों में कोहराम मच गया। मां-बाप का रो-रोकर बुरा हाल था। उनकी पत्नी मुन्नी देवी, तीन बेटे बिट्टू, अरुण, और मोहित, और बेटी खुशबू इस सदमे को बर्दाश्त नहीं कर पाए। गांव के लोग भी इस दुखद घटना से स्तब्ध थे, और उनकी आंखें नम हो गईं। आईटीबीपी के जवानों ने उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर सलामी दी और अंतिम विदाई दी।
36 साल की देश सेवा
राजेंद्र सिंह 1989 में आईटीबीपी की 19वीं बटालियन में हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में भर्ती हुए थे। उन्होंने देश सेवा में 36 साल दिए। इस दौरान उन्होंने कई कठिन परिस्थितियों में ड्यूटी निभाई और अपनी जिम्मेदारी को बखूबी अंजाम दिया। इस साल मार्च में वे अपने सबसे छोटे बेटे मोहित की शादी में गांव आए थे और 29 मार्च को ड्यूटी पर वापस लौट गए थे। उनकी मृत्यु की खबर ने पूरे गांव को झकझोर दिया है। ग्रामीण उन्हें एक सच्चे देशभक्त और मिलनसार इंसान के रूप में याद कर रहे हैं।
हृदय रोग: एक बढ़ती समस्या
हृदय गति रुकना (कार्डियक अरेस्ट) आजकल एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि तनाव, अनियमित जीवनशैली, और समय पर स्वास्थ्य जांच न करवाना इसके प्रमुख कारण हैं। खासकर सैनिकों में, जो कठिन परिस्थितियों में काम करते हैं, नियमित स्वास्थ्य जांच और तनाव प्रबंधन बेहद जरूरी है। क्या सरकार को सैनिकों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं और नियमित मेडिकल कैंप आयोजित करने चाहिए? यह सवाल इस घटना ने एक बार फिर उठाया है।
निष्कर्ष
हवलदार राजेंद्र सिंह की मृत्यु न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरे गांव और देश के लिए एक बड़ी क्षति है। STV News उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता है और उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता है। हम इस मामले पर नजर रखे हुए हैं, और किसी भी अपडेट के लिए हमारे साथ बने रहें।
अपनी राय कमेंट करें – क्या सैनिकों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं होनी चाहिए? STV News के साथ जुड़े रहें।
जय हिंद!










