📍 बुलंदशहर से बड़ी खबर:
41 साल पहले हुए एक सनसनीखेज हत्या कांड के मुख्य आरोपी पप्पू त्यागी को आखिरकार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। हत्या का यह मामला वर्ष 1981 का है, जब छात्र संघ चुनाव के दौरान एक विवाद ने खूनी रूप ले लिया और सुन्हेरा गांव निवासी गणेश दत्त की बेरहमी से हत्या कर दी गई।
🕵️♂️ हत्या की कहानी: 1981 में छात्र राजनीति से शुरू हुआ विवाद
यह घटना कोतवाली देहात क्षेत्र की है, जहां छात्र संघ चुनाव के दौरान कहासुनी और तनाव के बीच पप्पू त्यागी ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर गणेश दत्त की हत्या कर दी थी। इस हत्या के बाद पूरे क्षेत्र में आक्रोश फैल गया था।
⚖️ कोर्ट ने 1984 में दोषी ठहराया, लेकिन फिर…
1984 में बुलंदशहर की सेशन कोर्ट ने पप्पू त्यागी को हत्या (IPC धारा 302) का दोषी ठहराया और उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया गया। हालांकि, बाद में पप्पू त्यागी ने हाईकोर्ट में अपील कर जमानत ले ली और फिर से वह फरार हो गया।
🚨 41 साल तक फरार, फिर भी आराम की ज़िंदगी
अदालत की निगाहों से ओझल पप्पू त्यागी पिछले 41 सालों से खुलेआम अपनी ज़िंदगी जी रहा था। मेरठ का रहने वाला यह आरोपी नोएडा में परिवार के साथ ऐशोआराम की ज़िंदगी बिता रहा था। उसके पिता बुलंदशहर में नहर विभाग में ज़िलेदार थे और वहीं रहते हुए पप्पू ने हत्या की थी।
👮♂️ बुलंदशहर पुलिस की मेहनत रंग लाई
कोतवाली देहात थाना पुलिस ने तकनीकी निगरानी और पुराने इनपुट्स के आधार पर आखिरकार 41 साल बाद नोएडा से पप्पू त्यागी को धर दबोचा। इस गिरफ्तारी से पुलिस ने एक पुराना बंद केस फिर से जीवित कर दिया है।
🎙️ बाइट: पप्पू त्यागी (गिरफ्तार आरोपी)
“मैंने कभी नहीं सोचा था कि इतने साल बाद भी पुलिस मुझे ढूंढ निकालेगी।”
📌 STV न्यूज़ का विश्लेषण:
- इस केस से साफ है कि कानून की पकड़ से कोई नहीं बच सकता, चाहे समय कितना भी बीत जाए।
- बुलंदशहर पुलिस की यह कार्रवाई एक मिसाल है कि न्याय को कभी भूला नहीं जाता।
📍 STV NEWS पर हम लाते हैं आपके लिए सच्चाई और न्याय की आवाज़। जुड़े रहिए ऐसी ही बड़ी खबरों के लिए।










