बुलंदशहर: शिकारपुर के जीराजपुर गांव में तेज बरसात से मकान की दीवार गिरी, महिला गंभीर रूप से घायल, दो बच्चे सुरक्षित

परिचय:
बुलंदशहर जिले में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने एक गरीब परिवार के लिए भारी तबाही ला दी। शिकारपुर तहसील क्षेत्र के जीराजपुर गांव में बारिश के कारण एक कच्चे मकान की दीवार गिर गई, जिससे एक महिला और दो छोटे बच्चे मलबे में दब गए।

स्थानीय लोगों की तत्परता से बच्चों को तो बचा लिया गया, लेकिन महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। प्रशासन ने घायल को तत्काल अस्पताल पहुंचाया और परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है।


घटना का विवरण:
यह हादसा सोमवार को उस समय हुआ जब बुलंदशहर और आसपास के क्षेत्रों में भारी वर्षा हो रही थी। जीराजपुर गांव में स्थित एक पुराना कच्चा मकान बारिश के कारण कमजोर हो गया और अचानक उसकी दीवार भरभराकर गिर पड़ी।

दीवार के नीचे दबे दो छोटे बच्चों और एक महिला को स्थानीय ग्रामीणों ने मलबा हटाकर बाहर निकाला।

  • बच्चों को हल्की चोटें आईं और वे खतरे से बाहर हैं।
  • महिला की हालत गंभीर होने के कारण उसे पहले पहासू CHC और फिर बुलंदशहर जिला अस्पताल रेफर किया गया।

प्रशासन की त्वरित कार्रवाई:
घटना की जानकारी मिलते ही तहसीलदार गौरव कुमार बिश्नोई और थाना अहमदगढ़ के प्रभारी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे।

तहसीलदार गौरव कुमार बिश्नोई ने कहा:

“प्रशासन इस घटना को गंभीरता से ले रहा है। पीड़ित परिवार को हर संभव राहत दी जाएगी – मकान की मरम्मत से लेकर चिकित्सा सुविधा तक।”

प्रशासन ने यह भी बताया कि गांव के अन्य कच्चे मकानों की भी जांच की जाएगी ताकि भविष्य में ऐसे हादसे रोके जा सकें।


स्थानीय लोगों की सराहनीय भूमिका:
जैसे ही दीवार गिरने की आवाज आई, आसपास के लोग मौके पर दौड़े और जान जोखिम में डालकर बच्चों को बचाया।
एक ग्रामीण ने कहा:

“अगर हमने कुछ देर कर दी होती, तो शायद बच्चों को नहीं बचा पाते। महिला को मलबे से निकालते ही पुलिस को फोन किया गया।”

यह साबित करता है कि आपदा के समय सामुदायिक एकजुटता कितनी जरूरी होती है।


बुलंदशहर में बारिश का कहर जारी:

  • 2 जुलाई 2025: खुर्जा में मकान की छत गिरने से एक व्यक्ति घायल
  • 30 जून: स्याना रोड पर जलभराव और कई गाड़ियां फंसी
  • ग्रामीण क्षेत्रों में कई कच्चे घरों में दरारें आने की सूचना

यह साफ है कि बुलंदशहर के कई हिस्सों में बारिश भारी तबाही का कारण बन रही है।


क्या हैं जरूरी कदम?
कच्चे मकानों की समय रहते जांच
बारिश से पहले पंचायत स्तर पर सर्वे
आपदा प्रबंधन टीमों की तैनाती और ट्रेनिंग
पीड़ितों को त्वरित राहत और पुनर्वास
जागरूकता अभियान चलाकर ग्रामीणों को सतर्क करना


निष्कर्ष:
जीराजपुर गांव की यह दुखद घटना सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि एक चेतावनी है। तेज बारिश, कच्चे मकान और लचर आपदा प्रबंधन अगर एक साथ हों, तो यह किसी भी परिवार के लिए मौत का फंदा बन सकते हैं।

तहसीलदार और पुलिस की मुस्तैदी और ग्रामीणों की हिम्मत ने दो बच्चों की जान बचा ली, लेकिन महिला की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है।

क्या अब समय आ गया है कि प्रशासन ग्रामीण क्षेत्रों में कच्चे मकानों की हालत पर गंभीर कदम उठाए?
आपकी राय इस विषय पर महत्वपूर्ण है।


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