बिजनौर में गुलदार का आतंक: मां-बेटी पर जानलेवा हमला, क्या है समाधान? | STV News Exclusive

उत्तर प्रदेश के बिजनौर से एक दिल दहलाने वाली खबर सामने आई है। 13 मई 2025 की दोपहर, रेहड़ थाना क्षेत्र के गांव केहरीपुर में एक गुलदार ने घर में कपड़े धो रही मां-बेटी पर जानलेवा हमला कर दिया। इस हमले में दोनों गंभीर रूप से घायल हो गईं, और उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। यह घटना न केवल ग्रामीणों के लिए एक डरावना अनुभव है, बल्कि बिजनौर में बढ़ते गुलदार के आतंक की एक और मिसाल है। Ishi News आपके लिए लाया है इस घटना की पूरी कहानी, साथ ही उन सवालों का जवाब जो ग्रामीणों के मन में बार-बार उठ रहे हैं – आखिर कब तक यह खौफ जारी रहेगा?

घटना का भयानक मंजर

13 मई 2025 की दोपहर, बिजनौर के केहरीपुर गांव में उस समय हड़कंप मच गया, जब एक गुलदार ने एक घर में घुसकर मां-बेटी पर हमला कर दिया। दोनों उस समय घर में कपड़े धो रही थीं, और उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि जंगल से निकला एक खूंखार गुलदार उनके घर तक पहुंच जाएगा। गुलदार ने अपनी तेज पंजों और दांतों से दोनों को गंभीर रूप से जख्मी कर दिया। मां-बेटी की चीखें सुनकर आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे और शोर मचाकर गुलदार को भगाने की कोशिश की। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी – दोनों खून से लथपथ हो चुकी थीं।

तुरंत कार्रवाई और इलाज

ग्रामीणों ने तुरंत वन विभाग को सूचना दी। वन विभाग की टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और घायल मां-बेटी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया। जिला अस्पताल में दोनों का इलाज चल रहा है, लेकिन उनकी हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। डॉक्टरों का कहना है कि दोनों को गहरे घाव आए हैं, और अगले 48 घंटे उनके लिए बेहद अहम हैं।

बिजनौर में गुलदार का बढ़ता आतंक

यह पहली बार नहीं है जब बिजनौर में गुलदार ने किसी इंसान पर हमला किया हो। हाल के वर्षों में, गुलदार के हमले इस क्षेत्र में एक गंभीर समस्या बन गए हैं। 2024 में, बिजनौर में गुलदार के हमलों में 28 लोगों की जान जा चुकी है। पिछले साल अगस्त में, वन विभाग ने एक आदमखोर गुलदार को पकड़ा था, जिसने 25 लोगों को मार डाला था। इसी साल अप्रैल में, दयालपुर गांव में एक किसान कुक्कू सिंह पर गुलदार ने हमला किया था, जिसे गंभीर हालत में बिजनौर मेडिकल कॉलेज रेफर करना पड़ा था।

बिजनौर के जंगल और आसपास के गांवों में गुलदारों की आबादी बढ़ने और उनके प्राकृतिक आवास में कमी के चलते वे अक्सर गांवों में घुस आते हैं। इसके अलावा, जंगल में शिकार की कमी के कारण गुलदार इंसानों को निशाना बनाने लगे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग इस समस्या को गंभीरता से नहीं ले रहा है, जिसके चलते ऐसी घटनाएं बार-बार हो रही हैं।

ग्रामीणों में डर और गुस्सा

केहरीपुर गांव में इस हमले के बाद ग्रामीणों में डर के साथ-साथ गुस्सा भी है। उनका कहना है कि वन विभाग की लापरवाही के चलते उनकी जान खतरे में है। एक ग्रामीण ने कहा, “हम अपने घर में भी सुरक्षित नहीं हैं। बच्चे स्कूल जाने से डरते हैं, और हम खेतों में काम करने से। वन विभाग को चाहिए कि गुलदारों को पकड़कर जंगल में दूर ले जाए, या पिंजरे में बंद करे।” इस घटना के बाद ग्रामीणों ने वन विभाग के खिलाफ प्रदर्शन करने की भी धमकी दी है।

वन विभाग की प्रतिक्रिया

वन विभाग ने इस घटना के बाद गांव में पिंजरे लगाने और गुलदार को पकड़ने का आश्वासन दिया है। वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि वे गुलदार की तलाश में जंगल में सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं, और ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी है। इसके अलावा, उन्होंने ग्रामीणों से अपील की है कि वे शाम के समय घर से बाहर न निकलें और बच्चों को अकेले न छोड़ें। लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि यह आश्वासन काफी नहीं है, और उन्हें एक स्थायी समाधान चाहिए।

क्या है समाधान?

बिजनौर में गुलदार के हमलों को रोकने के लिए कई कदम उठाए जा सकते हैं। सबसे पहले, वन विभाग को गुलदारों की आबादी पर नजर रखने और उनके प्राकृतिक आवास को संरक्षित करने की जरूरत है। जंगल में शिकार की कमी को दूर करने के लिए छोटे जानवरों की आबादी बढ़ाने पर काम करना होगा। इसके अलावा, गांवों के आसपास सोलर फेंसिंग और अलार्म सिस्टम लगाए जा सकते हैं, ताकि गुलदार गांव में न घुसें। ग्रामीणों को भी जागरूक करने की जरूरत है कि वे जंगल के पास कचरा न फेंके, क्योंकि यह गुलदारों को आकर्षित करता है।

निष्कर्ष

यह घटना एक बार फिर हमें याद दिलाती है कि इंसान और वन्यजीवों के बीच बढ़ता टकराव कितना खतरनाक हो सकता है। बिजनौर में गुलदार का आतंक अब एक गंभीर समस्या बन चुका है, और इसका समाधान तुरंत करना जरूरी है। Ishi News इस मामले पर नजर रखे हुए है, और हम आपके लिए हर अपडेट लाएंगे।

इस ब्लॉग को अपने दोस्तों के साथ शेयर करें, और हमारा लेटेस्ट वीडियो देखें: [Insert Link]। अपनी राय कमेंट करें – क्या वन विभाग को सख्त कदम उठाने चाहिए? Ishi News के साथ जुड़े रहें।

Translate »
Need Help?